उषा किरण
वृत्ति: पूर्व-विभागाध्यक्षा ललित- कला विभाग , मेरठ कॉलेज, मेरठ। लगभग चालीस वर्षों का अध्यापन अनुभव। अनेक शोधार्थियों ने निर्देशन में पी- एच० डी० उपाधि प्राप्त की।
परिचय: तूलिका एवम् लेखनी पर समान अधिकार अनेक शहरों में आयोजित कला- प्रदर्शनियों में कृतियों को सराहा गया है।
-कविता एवं रेखाँकन-संग्रह " ताना- बाना” (शिवना- प्रकाशन), एक उपन्यास -"दर्द का चंदन “(हिन्दी बुक सेंटर से प्रकाशित) का भारतीय उच्चायोग सिंगापुर के तत्वावधान में `सिंगापुर संगम संस्था’ के द्वारा आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में विमोचन 1 अप्रैल, 2023 को सम्पन्न हुआ। नौ साझा- संग्रह के रूप में पुस्तकें प्रकाशित।
-अनेक प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं जैसे अहा- जिंदगी, सारिका, सिंगापुर संगम कादम्बिनी, मनोरमा, ज्ञानोदय, शिवना-साहित्यिकी, विभोम-स्वर, नईं दुनिया, रचना-उत्सव इत्यादि में कहानी, कविता, लघुकथा, समीक्षा एवम् आलेख प्रकाशित।
-कई पत्रिकाओं के कवर पृष्ठ पर पेंटिंग प्रकाशित।
-साहित्य , कला, अध्यात्म एवम् संगीत में गहन अभिरुचि है। इन क्षेत्रों में योगदान हेतु संस्कार- भारती, अवन्तिका, अग्निपथ, ऑल इंडिया कॉन्फ़्रेंस ऑफ इन्टीलेक्चुअल्स, अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम, मध्य प्रदेश, उत्कर्ष ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश, इत्यादि अनेक लब्ध प्रतिष्ठित संस्थाओं से सम्मानित व पुरस्कृत।
-कविता एवं रेखाँकन-संग्रह " ताना- बाना” (शिवना- प्रकाशन), एक उपन्यास -"दर्द का चंदन “(हिन्दी बुक सेंटर से प्रकाशित) का भारतीय उच्चायोग सिंगापुर के तत्वावधान में `सिंगापुर संगम संस्था’ के द्वारा आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में विमोचन 1 अप्रैल, 2023 को सम्पन्न हुआ। नौ साझा- संग्रह के रूप में पुस्तकें प्रकाशित।
-अनेक प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं जैसे अहा- जिंदगी, सारिका, सिंगापुर संगम कादम्बिनी, मनोरमा, ज्ञानोदय, शिवना-साहित्यिकी, विभोम-स्वर, नईं दुनिया, रचना-उत्सव इत्यादि में कहानी, कविता, लघुकथा, समीक्षा एवम् आलेख प्रकाशित।
-कई पत्रिकाओं के कवर पृष्ठ पर पेंटिंग प्रकाशित।
-साहित्य , कला, अध्यात्म एवम् संगीत में गहन अभिरुचि है। इन क्षेत्रों में योगदान हेतु संस्कार- भारती, अवन्तिका, अग्निपथ, ऑल इंडिया कॉन्फ़्रेंस ऑफ इन्टीलेक्चुअल्स, अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम, मध्य प्रदेश, उत्कर्ष ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश, इत्यादि अनेक लब्ध प्रतिष्ठित संस्थाओं से सम्मानित व पुरस्कृत।
-विश्व के अनेक देशों यथा अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस,इटली, बेल्जियम, सिंगापुर, नीदरलैंड, कम्बोडिया, थाइलैंड, फ़िलीपींस , स्विट्ज़रलैंड, श्रीलंका , यूएई, ऑस्ट्रेलिया एवम् टर्की आदि देशों में स्थित विश्व प्रसिद्ध संग्रहालयों एवम् चित्र-वीथिकाओं में युग-प्रवर्तक कलाकारों के चित्रों एवम् मूर्ति-शिल्पों के अवलोकन एवम् विभिन्न संस्कृतियों का अध्ययन करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है।
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